Saturday, 26 October 2013
दोस्त की हैसियत से बोल लेता हूँ किसी का दिल दुखा दूँ मेरी आदत नही दोस्ती होती है दिलों के चाहने पर जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नही..
किसी को तकलीफ देना मेरी आदत नही
बिन बुलाया मेहमान बनना मेरी आदत नही
मैं अपने गम में रहता हूँ नबाबों की तरह
परायी ख़ुशी के पास जाना मेरी आदत नही
सबको हँसता ही देखना चाहता हूँ मै
किसी को धोखे से भी रुलाना मेरी आदत नही
बांटना चाहता हूँ तो बस प्यार और मोहब्बत
यूँ नफरत फैलाना मेरी आदत नही
ज़िदगी मिट जाये किसी की खातिर गम नही
कोई बद्दुआ दे मरने की यूँ जीना मेरी आदत नही
सबसे दोस्त की हैसियत से बोल लेता हूँ
किसी का दिल दुखा दूँ मेरी आदत नही
दोस्ती होती है दिलों के चाहने पर
जबरदस्ती दोस्ती करना मेरी आदत नही....
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----next---¤¤~>>>> "आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी,
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी,
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने,
तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी.
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