Wednesday 28 August 2013

इश्क शायरी 2

इश्क शायरी 2 एक शादीशुदा शायर की मुलाकात अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड से हुई। शायर ने कहा- मुलाहिजा फरमाएँ : येचाँद तारे अब अच्छे नहीं लगते, रोज-रोज के बहाने अब अच्छे नहीं लगते। खुदा करे इस साल हो जाए आपकी शादी, क्योंकि अब आप कुँवारेअच्छे नहीं लगते। ♥ °°◦:: ʟσνє ∂ɪє ::◦­°° ♥ आपकी याद में मैने कलम उठाई लिया कागज, तस्वीर आपकी बनाई, सोचा था दिल से लगा के रखूँगा उस तस्वीर को, पर वो तो बच्चों को डराने के काम आई. लोग इश्क करते हैं, बड़े शोर के साथ हमने भी किया, बड़े जोर के साथ मगर अब करेंगे, थोडा़ गौर के साथ क्योंकि कल उसको देखा, किसी ओर के साथ! वो आज भी हमें देखकर मुस्कुराते हैं वो आज भी हमें देख कर मुस्कुराते हैं ये तो उनके बच्चे ही कमीने हैं जो हमें मामा-मामा कहकर बुलाते हैं! नई-नई शादी थी नया-नया था जमाना दुल्हा बेचैन था सुनने को गाना दुल्हन ने शुरू किया गाना भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना… इश्क एक से हो तो भोलापन है, दो से हो तो अपनापन है, तीन से हो तो दीवानापन है, चार से हो तो पागलपन है, फिर भी काउंटिंग ना रुके तो कमीनापन है! चाँद पर काली घटा छाती तो होगी सितारों में चमक आती तो होगी तुम लाख छुपाओ दुनिया से मगर अकेले में तुम्हें भी अपनी शक्ल पर हँसी आती तो होगी! दुनिया से जो डरे, उसे कायर कहते हैं, दुनिया जिससे डरे, उसे शायर कहते हैं, और बीवी से जो डरे, उसे शौहर कहते हैं अपनी तो मोहब्बत की इतनी कहानी है, टूटी हुई कश्ती और तैरता हुआ पानीहै, एक फूल किताब में दम तोड़ चुका है, मगर कुछ याद नहीं आता यह किसकी निशानी है! फूलों से खूबसूरत कोई नही. सागर से गहरा कोई नही. अब आपकी क्या तारीफ करू… ऐ दोस्त, आप जैसा… नालायक कोई नही! आप क्या जानो हम आपको कितना याद करते हैं. मानो या न मानो हर पल फरियाद करते हैं, रोज़ ख़त लिखते हैं कार्टून नेटवर्क को… और बस आप को दिखने की मांग करते हैं। दूर से देखा तो संतरा था, पास गया तो भी संतरा था, छिल के देखा तो भी संतरा था, खा के देखा तो भी संतरा था। वाह! क्या संतरा था। DARD GAZAL: हद से ज़्यादा ये दर्द जब बढ़ जाएगा Postedby Om Prakash Meena खामोशी शायरी, जख्म शायरी, जुदाई शायरी हम वस्ल के वहम में जीये जाएँगे हिज़्र के दर्द अलम से पीये जाएँगे तेरी यादों की रातों में रोएंगेहम इश्क में ये सितम भी सहे जाएँगे हद से ज़्यादा ये दर्द जब बढ़ जाएगा हम ख़ामोशी को तोड़ गजल गाएँगे जब फुरक़त के सदमे मिले हैं हमें तुमसे मिलने की दुआ बस माँगेंगे () Share this: More ← Gazal : शीशे के खिलौनों से खेला नहीं जाता आप क्यों इस प्यार को कहती हैं पहला-पहला → .... दिन की रौशनी को अंधेरी रात समझ लेता हूँ अपने आसुओं को पहली बरसात समझ लेता हूँ ये तेरा ही असर है ये तेरा ही कुसूर जो अँधेरे में अपने हाथ को भी तेरा हाथ समझ लेता हूँ .... हर यादों में उनकी याद रहती है; मेरी आँखों को उनकी तलाश रहती है; दुवा करो वो मुझको मिल जाए यारो; सुना है दोस्तों की दुआ में फरिश्तों की आवाज़ होती है. ♥ °°◦:: ʟσνє ∂ɪє ::◦­°° ♥ कितने चेहरे हैं इस दुनिया में; मगर हमको एक चेहरा ही नाज़ार आता है; दुनिया को हम क्या देखें; उसकी यादों में सारा वक़्त गुजर जाता है ♥ °°◦:: ʟσνє ∂ɪє ::◦­°° ♥ Us haseen palu ko yaad kar rahe the ...... Asmaan se aap ki baat kar rahe the ..... Sakun sa mila hume jub hawaon ne bataya .... Aap b hume yaad kar rahe the शायरी.... तुम्हारी याद मे अगर तुझेख्वाब कहूँ, तो नींदों में जीना चाहूँगा, अगर तुझेगुलाब कहूँ , तो कांटो में खिलना चाहूँगा, अगर तुझेजवाब कहूँ, तो सवालोंको बुनना चाहूँगा, अगर तुझेशराब कहूँ, तो मयखानोमें रहना चाहूँगा. सुना है लोग मोहब्बत में अपनी दुनिया लूटा देते हैं, और हमने इसी दुनिया में अपनी मोहब्बत लूटा दिया. इस महफ़िल की शान अभी बाकी है, मेरी ज़िंदगी का इम्तिहानअभी बाकी है, वो आ भी जाएँ तो गवाँरा नही मुझको, उनकी ज़ख़्मो के निशान अभी बाकी है. कहीं उठ ना जाए मोहब्बत से लोगों का भरोसा, यह सोचकर तुझे बेवफा का नाम नादे पाए ♥ °°◦:: ʟσνє ∂ɪє ::◦­°° ♥ क्या कहूँ तुझे ख्वाब कहूँ, तो टूट जायेगा;दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा!आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ; मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा ♥ °°◦:: ʟσνє ∂ɪє ::◦­°° ♥ बिना गम के ख़ुशी का पता कैसे चलेगा; बिना रोंए हुए, हंसी का मज़ा कैसे मिलेगा; जो उसे करता हैं, उसे वही जानता है; अगर हम जान गए तो, उसे खुदा कौन कहेगा! ♥ °°◦:: ʟσνє ∂ɪє ::◦­°° ♥ Apne Ghum Ki Numaish Na Kar Apne Naseeb Ki Azmaish Na Kar Jo Tera Hai Tere Paas Khud Ayega Har Roz Use Pane Ki Khawaish Na Kar Taqdir Badal Jayegi Apne Aap Hi Aey Dost Muskrana Seekh Le Wajah Ki Talash Na Kar ... Kabhi kabhi in ankho main nami se hoti hai Kabhi kabhi in honto pe hansi si hoti hai Ae dost woh tumhi ho jisse meri zindgi, zindgi si hoti hai...

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